[ad_1]
लुधियाना।एक घंटा पहले
- कॉपी लिंक

संसद मार्च की मंजूरी नहीं मिलने संबंधी जानकारी देते हुए दलजीत सिंह चीमा
कृषि कानून 17 सितंबर को सांसद में पारित किए गए थे, इसी दिन शिरोमणी अकाली दल बादल की तरफ से दिल्ली में संसद तक मार्च करने का एलान किया हुआ है। मगर शिरोमणी अकाली दल को दिल्ली पुलिस की तरफ से इसकी इजाजत नहीं दी गई है। शिरोमणी अकाली दल के प्रवक्ता दलजीत सिंह चीमा ने इसकी जानकारी दी है। उन्होंने साफ किया है कि वह फिर भी मार्च निकालेंगे और यह मार्च शांतमयी होगा। शिअद की तरफ से इसके लिए तय रूट पर मार्च निकालने की प्रवानगी दिल्ली पुलिस से मांगी थी। यह मार्च गुरुद्वारा रकाबगंज साहिब से शुरू होकर नई दिल्ली संसद भवन तक होगा। इसमें पंजाब के अलावा दूसरे राज्यों से भी शिरोमणी अकाली दल के कार्यकर्ता शामिल होने जा रहे हैं। स. चीमा ने बताया कि इस मार्च में शिरोमणी अकाली दल के नेता और कार्यकर्ता बड़ी संख्या में हिस्सा लेने जा रहे हैं। यह कार्यक्रम तय रूट के अनुसार ही होंगे। चीमा का कहना है कि केंद्र सरकार और दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार की तरफ से उन्हें किसानों की हिमायत करने से रोका जा रहा है। उन्हें हक है कि अपनी बात शांतमयी ढंग से रखने का। पुलिस द्वारा इसकी इजाजत नहीं देने और अकाली दल द्वारा इसे किसी भी हालत में करने का एलान करने से साफ है कि दिल्ली में अकाली दल और पुलिस के बीच टकराव की स्थिति बन सकती है। किसानी मुद्दे से पीछे नहीं रहना चाहता शिरोमणी अकाली दल शिरोमणी अकाली दल बादल की सरकार के समय हुई बेअदबी और फायरिंग की घटनाओं से पार्टी की जमीन काफी खिसकी है। इसके बाद किसानी बिल पास करवाने के पीछे भी किसान संगठन अकाली दल को ही जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। इस कारण ही पार्टी प्रधान ना चाहते हुए भी किसान यूनियनों के संयुक्त किसान मोर्चा की चेतावनी मान रहे हैं और जन सभा नहीं की जा रही हैं। जबकि उनकी ओर से चंडीगढ़ में हुई बैठक में भेजे गए पदाधिकारियों ने साफ किया था कि कैसे वह लोगों के बीच अपनी बात रखने के लिए नहीं जा सकते हैं। मगर मीटिंग के बाद आए फैसले को पार्टी अध्यक्ष मान रहे हैं। मोगा रैली के बाद से मुलतवी हैं कार्यक्रम 2 सितंबर को मोगा में हुई शिरोमणी अकाली दल बादल की रैली के दौरान किसानों और पुलिस के बीच तनाव पैदा हो गया था। इस दौरान पुलिस पर पथराव भी हुआ और पुलिस ने लाठीचार्ज भी किया। इसके बाद 200 किसानों पर आपराधिक मामला दर्ज कर दिया गया था। 3 सितंबर को शिरोमणी अकाली दल ने पत्रकारवार्ता कर एलान किया था कि वह अपने कार्यक्रम 6 दिन के लिए आगे पा रहे हैं। यानि कि 3 सितंबर को होने वाले अमलोह में होने वाले कार्यक्रम 10 सितंबर को होंगे। इससे पहले अकाली दल ने संयुक्त किसान मोर्चा को पत्र लिखकर कहा था कि वह मोर्चा के साथ बात करना चाहते हैं और उनके सवालों के जवाब देना चाहते हैं। मोर्चा ने 10 सितंबर को सभी राजनीतिक पार्टियों की बैठक बुलाई और इसके बाद फैसला सुना दिया कि जब तक चुनाव आयोग चुनाव का एलान नहीं करता है तब तक कोई भी पार्टी चुनाव प्रचार नहीं करे और अगर वह करते हैं तो उन्हें किसान विरोधी माना जाएगा। इसके बाद अकाली दल ने संसद मार्च का एलान कर दिया।
[ad_2]
Source link