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NCRB रिपोर्ट: राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों से खुलासा हुआ है कि कोरोना महामारी से प्रभावित साल 2020 के दौरान अपराध के मामलों में 2019 की तुलना में 28 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है. साल 2019 में 51 लाख 56 हजार 158 मामले दर्ज किये गए थ. जबकि साल 2020 में 14 लाख 45 हजार 127 मामले ज्यादा मामले दर्ज किए गए हैं. 25 मार्च 2020 से 31 मई 2020 तक कोरोना महामारी के कारण देश में लॉकडाउन रहा था.
हत्या-
- भारत में 2020 में हर औसतन 80 हत्याएं हुईं
- साल में कुल 29,193 लोगों का कत्ल किया गया.
- इस मामले में राज्यों की सूची में उत्तर प्रदेश पहले स्थान पर है.
रेप-
- पूरे देश में 2020 में बलात्कार के प्रतिदिन औसतन करीब 77 मामले दर्ज किए गए
- पिछले साल दुष्कर्म के कुल 28,046 मामले दर्ज किए गए.
- देश में ऐसे सबसे अधिक मामले राजस्थान में और दूसरे नंबर पर उत्तर प्रदेश में दर्ज किए गए.
अपहरण के मामलों में कमी
- अपहरण के मामलों में 2019 की तुलना में 2020 में 19 प्रतिशत की कमी आई है.
- 2020 में अपहरण के 84,805 मामले दर्ज किए गए.
- जबकि 2019 में 1,05,036 मामले दर्ज किए गए थे.
किस राज्य में कितने हत्या के केस दर्ज हुए?
- 2020 में उत्तर प्रदेश में हत्या के 3779
- बिहार में 3,150
- महाराष्ट्र में 2,163,
- मध्य प्रदेश में 2,101
- पश्चिम बंगाल में 1,948
- और राजधानी दिल्ली में 472 मामले दर्ज किए गए.
जिन लोगों की हत्या हुई, वह किस उम्र के–
- पिछले साल जिन लोगों की हत्या की गई थी, उनमें से 38.5 फीसदी 30-45 साल आयु समूह के
- 9 फीसदी 18-30 साल आयु के समूह के
- 4 फीसदी 45-60 साल की आयु वर्ग के
- और 4 फीसदी 60 साल से ज्यादा उम्र के थे
- जबकि बाकी नाबालिग थे.
अपहरण के मामले में टॉप पर उत्तर प्रदेश
- 2020 में अपहरण के सबसे ज्यादा 12,913 मामले उत्तर प्रदेश में
- पश्चिम बंगाल में 9,309
- महाराष्ट्र में 8,103
- बिहार में 7,889
- मध्य प्रदेश में 7,320
- और राष्ट्रीय राजधानी में अपहरण के 4,062 मामले दर्ज किए गए हैं.
महिलाओं के खिलाफ अपराध में आई कमी
एनसीआरबी ने कहा कि पिछले साल पूरे देश में महिलाओं के विरूद्ध अपराध के कुल 3,71,503 मामले दर्ज किए गए जो 2019 में 4,05,326 थे और 2018 में 3,78,236 थे.
कुल 66 लाख 1 हजार 285 संज्ञेय अपराध दर्ज किए गए
ब्यूरो के आंकड़ों के मुताबिक, साल 2020 में कुल 66 लाख 1 हजार 285 संज्ञेय अपराध दर्ज किए गए, जिसमें भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के तहत 42 लाख 54 हजार 356 मामले और विशेष और स्थानीय कानून (एसएलएल) के तहत 23 लाख 46 हजार 929 मामले दर्ज किए गए.
आईपीसी की धारा 188 के तहत के तहत लोक सेवकों द्वारा लागू व्यवस्था का उल्लंघन करने को लेकर साल 2019 में 29,469 मामले दर्ज किये गए थे जो साल 2020 में बढ़कर 6,12,179 हो गए. भारतीय दंड संहिता से जुड़े अन्य अपराधों के साल 2019 में 2,52,268 मामले दर्ज किये गए थे जो साल 2020 में 10,62,399 हो गए.
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